बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने अपनाई केंद्रित रणनीति, प्रमुख गढ़ों में मजबूत पकड़ और कमजोर जिलों में सहयोगियों पर भरोसा, NDA गठबंधन को मजबूती।

दिवाली के जश्न ने मध्य प्रदेश में उस समय दुखद रूप ले लिया जब कार्बाइड बंदूकों की वजह से लगभग 300 लोगों की आंखों में गंभीर से लेकर मामूली चोटें आई हैं. सोमवार और मंगलवार को जिन लोगों को आंखों की दिक्कत हुई है, उनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं. इनमें से 30 की हालत गंभीर बतायी जा रही है और वे अपनी आंखों की रोशनी खो सकते हैं. इन लोगों ने दिवाली के दौरान घर पर बनायी गयी कार्बाइड बंदूकों से खेलने के बाद अपनी आंखों को नुकसान पहुंचा लिया है. इस होममेड खिलौने की तुलना विशेषज्ञों ने ‘रासायनिक बम’ से की है. इन लोगों ने कार्बाइड गन से पटाखे चलाए, जिनका इस्तेमाल किसान मुख्य रूप से बंदरों और पक्षियों को भगाने के लिए करते हैं.
हैं खिलौना, लेकिन बेहद खतरनाक
कार्बाइड बंदूकें घर में बने उपकरण होते हैं, जो आमतौर पर प्लास्टिक या टिन के पाइप से बनाए जाते हैं. ये कैल्शियम कार्बाइड और पानी का इस्तेमाल करके केमिकल रिएक्शन पैदा करते हैं, जिससे एक तेज विस्फोट होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि ये खिलौने जैसे दिखते हैं, लेकिन ये उपकरण बेहद खतरनाक होते हैं. अधिकारियों ने बताया कि कार्बाइड गन में कैल्शियम कार्बाइड, माचिस की तीलियों और बारूद का मिश्रण होता है. कैल्शियम कार्बाइड में पानी मिलाने से एसिटिलीन गैस बनती है, जिसके जलने से शक्तिशाली विस्फोट होते हैं जिससे तीव्र गर्मी और हानिकारक गैसें निकलती हैं. अधिकारियों ने बताया कि कार्बाइड गन को ऑनलाइन ‘पीवीसी मंकी रिपेलर गन’ के नाम से बेचा जाता है. ये पारंपरिक पटाखों के विकल्प के रूप में उभरी है.
